सीतापुर पत्रकार हत्याकांड:एक-एक लाख के इनामी दो शूटर पुलिस मुठभेड़ में ढेर

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UP-महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में यूपी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार सुबह पिसावां इलाके में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में एक-एक लाख के इनामी शूटर संजय तिवारी और राजू तिवारी को ढेर कर दिया गया। दोनों पर हत्या, हत्या का प्रयास और कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे।हालांकि, इस कार्रवाई पर मृत पत्रकार की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने असंतोष जताते हुए कहा कि “न तो हमें पहले जानकारी दी गई, न ही एनकाउंटर की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। हम इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।”

एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार तड़के पिसावां-महोली मार्ग पर एसटीएफ और पुलिस की टीम काम्बिंग कर रही थी, तभी दो संदिग्ध बाइक सवारों को रुकने का इशारा किया गया। दोनों ने रुकने की बजाय पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस के अनुसार, दोनों शूटरों की पहचान संजय तिवारी उर्फ अकील खान और राजू तिवारी उर्फ रिजवान के रूप में हुई है। ये दोनों मिश्रित के अटवा गांव के निवासी थे और इन पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च 2025 को दोपहर करीब तीन बजे हेमपुर ओवरब्रिज पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना दिनदहाड़े हुई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी।

पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का 34 दिन बाद खुलासा करते हुए एक पुजारी और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, गोली चलाने वाले दोनों शूटर फरार चल रहे थे।

पुलिस जांच में सामने आया कि पत्रकार की हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी द्वारा रची गई थी। पुजारी ने अपने दो परिचितों के साथ मिलकर साजिश को अंजाम दिया और शूटर्स को सुपारी दी। अब तक इस हत्याकांड में पांच आरोपी सामने आए हैं, जिनमें से तीन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। दो शूटरों को अब मुठभेड़ में मार गिराया गया है। पुलिस और एसटीएफ की कुल 10 टीमें पिछले कई महीनों से इनकी तलाश में लगी थीं।

पत्रकार राघवेंद्र की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने शूटरों के मारे जाने की पुष्टि मिलने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने पहले ही कहा था कि अगर हमारे पति की हत्या में शामिल शूटर पकड़े जाएं, तो हमें भी बताया जाए, दिखाया जाए। लेकिन न तो खुलासा हमारी जानकारी में हुआ और न ही एनकाउंटर से पहले हमें कोई सूचना दी गई। ऐसे में हम इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।”

पुलिस अब इस हत्याकांड से जुड़े अंतिम दस्तावेजी पहलुओं की जांच कर रही है। मारे गए शूटरों की पृष्ठभूमि, नेटवर्क और सुपारी कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।

एसपी अंकुर अग्रवाल ने कहा कि, “हमारे लिए यह सिर्फ एक केस नहीं था, बल्कि पत्रकारिता और न्याय व्यवस्था के सम्मान का विषय भी था। सभी आरोपियों को कानून के दायरे में लाया गया है, और आगे की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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