Monday, October 27, 2025
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Homeकानपुर नगरपहले बना फर्जी सिपाही, फिर दरोगा, खूब पैसे वसूले,पूरा मामला जाने

पहले बना फर्जी सिपाही, फिर दरोगा, खूब पैसे वसूले,पूरा मामला जाने





कानपुर पुलिस ने आजाद सिंह जादौन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ये व्यक्ति कोई आम व्यक्ति नहीं है. ये पूरे 10 साल से यूपी पुलिस में है. लेकिन जनाब इतने सीक्रेट विभाग में थे कि उनके डिपार्टमेंट तक को उनके काम का पता नहीं. ये कहानी थोड़ी फिल्मी है, लेकिन सच्ची है. आइये जानते हैं इन ‘दरोगा’ जी की कहानी.

कानपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति का नाम आजाद सिंह जादौन है. आजाद सिंह बीते 10 सालों से वर्दी पहनकर लोगों को ये कहता था कि वो पुलिस में सिपाही है. 2015 में इन साहब के दिमाग में आया कि ‘हम पुलिस जॉइन नहीं करेंगे, पुलिस हमें जॉइन करेगी.’ इस कड़ी में आजाद सिंह ने एक वर्दी खरीदी और खुद को सिपाही घोषित कर दिया. थाने के पास एक कमरा ले लिया और रोज वर्दी पहनकर निकलने लगा. आसपास के लोग उसे पुलिसवाला मानने लगे. आजाद ने भी छोटी-मोटी दबंगई कर अपनी पहचान को पक्का कर लिया.

पुलिस की वर्दी से आजाद सिंह का रुतबा तो बढ़ा ही. साथ ही ये नाटक इतना कारगर रहा कि अमोली गांव के रहने वाले जयवीर सिंह ने अपनी बेटी सुजाता की शादी 2019 में आजाद सिंह के साथ कर दी. उन्हें लगा कि उनके दामाद के पास वर्दी वाली नौकरी है. बेटी का जीवन खुशहाल बीतेगा. उन्हें कभी आजाद पर शक नहीं हुआ. वो हमेशा वर्दी में ही ससुराल आता और कहता कि उसकी थाने पर ड्यूटी नहीं लगती है. उसे एक स्पेशल जांच में लगाया गया है.

आजाद ने अपने साले सौरभ सिंह को भी अपने इस गोरखधंधे में शामिल कर लिया. वो उसे गाड़ी में बैठाकर अपने फॉलोवर की तरह घुमाने लगा. सौरभ को भी कभी जीजा पर शक नहीं हुआ. वो जहां भी जाता, लोगों से कहता कि ये मेरे जीजाजी हैं, दरोगा हैं. गांववाले भी आजाद को दरोगा जी कहकर सलाम ठोकने लगे.

खुद का प्रमोशन कर लिया, दरोगा बन गया 

साल 2020 तक आजाद सिंह का धंधा चलता रहा. जब उसका डर खत्म होने लगा तो उसने नई वर्दी और स्टार खरीदा. कंधे पर स्टार लगाया और दरोगा बन गया. यहीं से उसके ठगी और फर्जीवाड़े का दायरा बढ़ने लगा. अब वह सिर्फ लोगों को डराता ही नहीं, बल्कि गाड़ियों से अवैध वसूली और नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ऐंठने लगा.एक चोरी हुई और पकड़ा गया ‘दरोगा’

हाल के दिनों तक ये फर्जीवाड़ा चलता रहा. 2025 के अगस्त महीने में सजेती गांव में एक चोरी हुई. एरिया के थानेदार अवधेश सिंह जांच करने आए. वहीं लोगों ने उनसे कहा कि यहां एक दरोगा है जो गाड़ियों को रोककर वसूली करता है. थानेदार अवधेश सिंह चौंक गए क्योंकि विभाग के अनुसार तो उस इलाके में कोई दरोगा पोस्टेड नहीं था. फिर उन्होंने पता करवाया तो आजाद सिंह का एड्रेस इटावा का पता चला.

थानेदार अवधेश पहले इटावा में पोस्टेड रह चुके थे. उन्होंने तुरंत अपने सूत्रों से पूछा तो पता चला कि इस नाम का कभी कोई यहां तैनात नहीं रहा. अवधेश सिंह अब पूरा मामला समझ गए. उन्होंने आजाद को चौकी पर बुलावाया. आजाद बाकायदा वर्दी में अपने साले के साथ चौकी पहुंचा. बातों और बॉडी लैंग्वेज से खुद को दरोगा साबित करने की कोशिश की, लेकिन थानेदार का शक गहरा होता गया. थोड़ी सख्ती से पूछताछ की तो आजाद ने सारा राज उगल दिया. इसके बाद पुलिस ने आजाद और उसके साले को गिरफ्तार कर लिया.

जब सच सामने आया तो आजाद के ससुराल में लोग सन्न रह गए. उसकी पत्नी के सुजाता के पिता जयवीर सिंह का कहना है, हमें गर्व था कि बेटी दरोगा के घर गई है. अब लगता है कि हम सबसे बड़े धोखे में रहे. गांव में लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि हम वर्दी देखकर अंधे हो गए. किसी ने कभी कागज या पहचान पूछने की जरूरत ही नहीं समझी.

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